उल्टी पेट की सामग्री को बलपूर्वक शरीर से बाहर निकालने की प्रक्रिया है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे गैस्ट्रिक, विषाक्तता मस्तिष्क ट्यूमर आदि। अत्यधिक उल्टी से निर्जलीकरण होता है; कभी-कभी रोगी को नसों के माध्यम से जलीय घोल देना पड़ता है।

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उल्टी का उपचार: प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपाय

उल्टी (Vomiting) एक सामान्य समस्या है जो कई कारणों से हो सकती है जैसे कि पेट की गड़बड़ी, गर्भावस्था, भोजन विषाक्तता, या अन्य शारीरिक असंतुलन। यहाँ हम आपको कुछ आयुर्वेदिक उपचार और घरेलू नुस्खे बताएंगे जो उल्टी को रोकने में मदद कर सकते हैं।

1. आयुर्वेदिक उपचार

वातज का दही
दही और अनार के दानों को मिलाकर वातज का दही बनाया जाता है। यह मिश्रण वात और पित्त के असंतुलन को नियंत्रित करता है और उल्टी को रोकने में सहायक है।

इन्द्रयव, हींग और अन्य जड़ी-बूटियाँ
इन्द्रयव, भुनी हींग, अतीस, बच, काला नमक और हरड़ को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 2 माशा गर्म पानी के साथ लेने से उल्टी और पेट दर्द में आराम मिलता है।

छर्दिसंहार रस और प्रवाल पिष्टी
250 मिलीग्राम छर्दिसंहार रस और 250 मिलीग्राम प्रवाल पिष्टी को शहद के साथ मिलाकर हर दो घंटे में लेने से उल्टी में राहत मिलती है।

पिप्पलादि लौह
पिप्पलादि लौह की एक गोली सुबह और एक गोली शाम को पित्तपापड़े के काढ़े में शहद मिलाकर लेने से वातज उल्टी ठीक हो जाती है।

कर्पूरासव
कर्पूरासव की 8-10 बूंदें पानी में मिलाकर धीरे-धीरे पीने से उल्टी विकार ठीक हो जाता है। इसे दिन में कई बार सेवन किया जा सकता है।

ताम्र भस्म
50 मिलीग्राम ताम्र भस्म को शहद के साथ चाटने से वातज और अन्य प्रकार की उल्टी ठीक हो जाती है।

2. घरेलू उपाय

जीरा और सौंफ का पानी
उल्टी की समस्या में जीरा और सौंफ का पानी फायदेमंद होता है। इसे उबालकर छान लें और धीरे-धीरे पीएं।

अदरक का रस
अदरक का रस उल्टी को रोकने में सहायक होता है। इसे शहद के साथ मिलाकर लेने से उल्टी और मतली में आराम मिलता है।

नींबू पानी
नींबू पानी में नमक और शहद मिलाकर पीने से पाचन तंत्र ठीक रहता है और उल्टी की समस्या से छुटकारा मिलता है।

3. आराम और आहार

उल्टी के बाद शरीर को आराम देना बहुत जरूरी है। हल्का भोजन करें जैसे खिचड़ी या दलिया। फाइबर युक्त भोजन और पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।

4. विशेष सावधानियां और चिकित्सा सलाह

अगर उल्टी लंबे समय तक बनी रहती है या गंभीर हो जाती है, तो चिकित्सा सलाह लेना आवश्यक है। डॉक्टर की सलाह से निर्धारित दवाओं का सेवन करें और उल्टी के कारणों का पता लगाएं।

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