गठिया रोग

शरीर में यूरिक अम्लों की अधिकता होना इस रोग का मुख्य कारण माना गया। है। परन्तु इस रोग के अन्य कारणों की जानकारी पर्याप्त नहीं हो सकी है। प्रातः काल उठते समय जोड़ों का दर्द, अकड़न महसूस होती है। विशेष रूप से हाथ और पैरों की उंगलियों।

गठिया

गठिया के रोग का उपचार

गठिया के रोगी के लिए सेब बहुत ही उपयोगी है। सेब का उपयोग उस स्थिति में और अधिक बढ़ जाता है जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो सेब के सेवन से यूरिक एसिड की मात्रा में कमी आती है।

  • खीरे के रस में गाजर, चुकन्दर और अजवायन के पत्तों का रस मिलाकर देने से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा कम हो जाती है। इस रस का भोजन आदि के साथ सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
  • गठिया के रोगी को भोजन के पूर्व कच्चे आलू का दो चम्मच रस पीने से लाभ होता है। इससे यूरिक की मात्रा भी कम होने लगती है।
  • उपलों की आंच में आलू भूनकर सेवन करने से गठिया में लाभ होता है।
  • गठिया के रोगी को यदि निमोनिया अथवा कोई अन्य रोग हो गया हो तो पहले उसका उपचार करना चाहिए।
  • कच्ची सब्जियां, जैसे- करेला, कड़वी सहजन की फलियां तथा नीम के फल रोगी के लिए बहुत अच्छे हैं। खट्टे खाद्य पदार्थ व दही का सेवन रोगी के लिए सख्त हानिकारक है।
  • लहसुन के उपयोग से भी जोड़ों में होने वाला दर्द समाप्त हो जाता है। सबसे अच्छा यह है कि लहसुन की कुछ तुरियां छीलकर नियमित रूप से चबाई जायें। इस प्रकार इसका रस त्वचा और रक्त में जल्दी ही घुलकर रोग से प्रभावित अंगों को लाभ पहुंचाता है।
  • दालों, दालों से बने पदार्थ, तली वस्तुएं और कब्ज करने वाले पदार्थ भी रोगी को नहीं देने चाहिएं। चावल का प्रयोग भी रोगी को कम करना चाहिए।

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