कब्ज रोग के उपचार –पानी कम मात्रा में पीना, आहार में अचानक परिवर्तन, भोजन सम्बन्धी बुरी आदतें, गरिष्ठ भोजन करना कब्ज के मुख्य कारण हैं।कब्ज में मल सख्त या गांठदार हो जाता है। मल त्यागने में कठिनाई होती है

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कब्ज रोग के उपचार

  • भोजन खूब चबाकर खायें, यह बहुत आवश्यक है। इससे पाचक रस इस भोजन के साथ भली-भांति मिल जाते हैं।
  • भोजन में सोया का एक या दो चम्मच रस मिला देने से को कब्ज की शिकायत दूर होती है। प्रतिदिन लगभग सात-आठ गिलास पानी अवश्य पियें।
  • बच्चों चोकर सहित आटे से बनी रोटी का सेवन करें।
  • रात्रि में सोने से पूर्व चार-पांच मुनक्का, दो अन्जीर तथा दो सूखा आलू बुखारा अच्छी प्रकार से धोकर कांच के बर्तन में भिगों दें। प्रातःकाल उठकर हाथ साबुन से धोकर साफ करें और इन्हें पानी पी लें। इससे शरीर का रक्त संचार तेज होगा।
  • बच्चों के कब्ज होने की स्थिति में एक चम्मच अरण्डी का तेल दूध के साथ सेवन करायें। छोटे बच्चों को कब्ज होने पर जन्म घुट्टी पिलायें।
  • दूध-दही तथा छाछ का प्रयोग अधिक से अधिक करें। गेहूं के साथ थोड़ी मात्रा में चना और जो पिसवाएं । यह मिस्सी आटा बहुत अधिक न पिसा हुआ हो। रोटी बनाने से लगभग आधा घंटा पहले आटा गूंथकर गीले कपड़े से ढककर रखें।
  • घी, मक्खन, दूध तथा फलों का नियमित सेवन करने के पेट की शुष्कता दूर होती है।
  • अंगूर और पपीता भी कब्जनाशक है।
  • सोया की सब्जी नियमित रूप से खाने से भी कब्ज दूर हो जाती है।
  • उचित खान-पान, व्यायाम तथा कुछ अन्य उपायों से कब्ज का उपचार किया जा सकता है।
  • कब्ज दूर करने के लिए अमलतास की पकी हुई फलियों के 50 ग्राम गूदे को रात भर के लिए पानी में भिगों दें। प्रातःकाल गूदे को मसलकर छानें और पी लें। इससे भी पेट साफ रहता है।
  • रेशेदार सब्जियों जैसे पालक, मेथी, बथुआ, चौलाई, गाजर आदि का अधिक मात्रा में प्रयोग करें।
  • बीज निकले हुए चार-पांच मुनक्का के दाने गरम पानी से अच्छी तरह धोकर दूध में उबालकर खायें या चबाकर खाने के बाद गर्म दूध पीयें।
  • प्रातःकाल बिस्तर से उठते ही एक गिलास हल्के गर्म पानी में नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर खाने से पेट शीघ्र हो जाता है।
  • ऐसे रोगी को घी, मक्खन, दूध तथा फलों का नियमित सेवन करना चाहिए तथा गरिष्ठ भोजन से बचना चाहिए। तले हुए भोजन का सेवन भी न करें, यही उचित होगा।
  • एक चम्मच त्रिफला चूर्ण 200 ग्राम गर्म दूध या गर्म जल के साथ सोने से पूर्व सेवन करे। इससे कब्ज दूर होता है। परन्तु इसकी आदत नहीं डालनी चाहिए। अन्यथा आंतें कमजोर हो जाती हैं।
  • यदि सम्भव हो तो सब्जियां भाप में पकाएं। यदि सीधी आंच पर पकानी हों तो सब्जी में पानी कम डालें और नरम होते ही आंच से उतार लें। हो सके तो सब्जी प्रशेर कुकर में बनाएं।

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