कुछ ग्रंथियों की खराबी के कारण और कुछ अभिभावकों के लाड़-प्यार के कारण बच्चे बात करते समय तुतलाने लगते हैं और अपने संकोची स्वभाव के कारण हकलाने लगते हैं।
यदि बच्चा धीरे बोलता है या पूरा शब्द नहीं बोल पाता तो ये लक्षण बच्चे के मानसिक विकास को प्रभावित करते हैं।
बच्चे का तुतलाना ठीक करें
दूध उबालते समय उसमें छोटी इलायची के कुछ दाने डाल दें। इससे दूध स्वादिष्ट और हल्का हो जाता है।
दूध उबालते समय 200 ग्राम दूध में एक ग्राम छोटी पीपल डाल दें। दूध पकने के बाद पीपल को निकालकर फेंक दें। इससे दूध सुपाच्य हो जाता है और दूध में मौजूद अशुद्धियाँ नष्ट हो जाती हैं।
एक कप दूध में आधा चम्मच सौंफ डालकर दूध उबालने से दूध हल्का और सुपाच्य हो जाता है। इसे देते समय सौंफ को अलग से छान लें। ऐसा करने से बच्चों का पेट नहीं फूलता।
अगर दूध पिलाने से पहले माँ एक गिलास पानी पी ले तो बच्चे दूध जल्दी पचा लेते हैं। इससे उल्टी नहीं आती।
अगर बच्चा माँ का दूध पीते समय दूध उगलता है तो माँ को बिल्कुल शांत होकर और बिना किसी तनाव के बच्चे को दूध पिलाना चाहिए। अगर बड़ों को दूध नहीं पचता तो उन्हें अक्सर ताजे पानी में आधा नींबू निचोड़कर पिलाना चाहिए। इससे पाचन शक्ति ठीक रहती है।