अरंडी के तेल में कपूर मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम मसूढ़ों पर मलें। यह प्रयोग मसूढ़ों के रोगों मे अत्यंत लाभकारी है।
अजवाइन को तवे पर भूनकर पीस लें। फिर उसमें दो-तीन बूंदे राई के तेल को मिलाकर हल्का-हल्का मसूढ़ों पर मलें और दांतों पर मंजन करें। इससे मसूढ़ों की सूजन के साथ-साथ दांत के अन्य रोग भी दूर हो जाते हैं और दांत मजबूत भी होते हैं। बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से मसूढ़ों की सूजन व दर्द से राहत मिलती है।
50 ग्राम गुलाब के अर्क में आधा नींबू निचोड़ कर आवश्यकतानुसार मुख में रखकर थूक दें। ऐसा चार-पांच बार दिन में करें। मसूढ़ों में की सूजन से राहत मिलेगी।
मेंहदी के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी से सुबह-शाम कुल्ला करने से मसूढ़ों के रोगों से शीघ्र मुक्ति मिल जाती है। मसूढ़ो पर फिटकरी का चूर्ण मलने से मसूड़े मजबूत बनते हैं और उसके विकार दूर होते हैं।
अदरक और नमक पीसकर अच्छी तरह मिला लें, उसे मसूढ़ों पर धीरे-धीरे मलें। शीघ्र आराम होगा।
ताजे पानी में नींबू का रस पर्याप्त मात्रा में डालकर गरारे करने से मसूढ़ों की सूजन कम हो जाती है। इससे मुंह की दुर्गन्ध भी दूर होती है।
शीशम की गीली लकड़ी को आग पर जलाने से उसके काटे सिरे से झाग निकलेंगे। इस झाग को मसूढ़ों पर लगाने से राहत मिलेगी।