मूत्र में रक्त : कारण व उपचार

मूत्र में रक्त आने से उपचार

मूत्राशय
  • अधिकतर यह रोग पथरी के कारण या मूत्र प्रणाली में किसी संक्रमण के कारण अथवा रक्तस्राव के किसी दूसरे कारण से उत्पन्न होता है।
  • इसमें रोगी को रक्त के साथ मिला हुआ मूत्र अथवा कभी-कभी केवल रक्त के रूप में मूत्र आता है।
  • रात को बार-बार पेशाब जाना पड़ता है तो शाम को पालक की सब्जी खाने से लाभ होता है। जिन लोगों को मूत्र बार-बार या अधिक मात्रा में या जलन के साथ आता हो, उन्हें दो पके, केलों का सेवन दोपहर के भोजन के बाद कुछ दिन करना चाहिए।
  • बार-बार मूत्र जाने की आदत अंगूर खाने से बन्द होती है। जीरा और गुड़ टके-टके भर प्रतिदिन खायें तो यह रोग दूर होता है.
  • गोखरू और सोंठ का काढ़ा भी इस रोग में गुणकारी है। कच्चे केले, परवल, करेले और सहिजन की फलियों से तैयार सब्जियां इस रोग के लिए बहुत लाभकारी हैं।
  • किसी भी रूप में अनार और आंवले का सेवन करना रोगी के लिए लाभप्रद है।
  • गर्म और मसालेदार भोजन रोगी को बिल्कुल नहीं देना चाहिए। कटेली के रस में शहद मिलाकर पीने से भी आराम आ जाता है।

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