निम्न रक्तचाप हो तो करें ये उपाय – निम्न रक्तचाप क्या है जब सामान्य रक्तचाप घटने लगें तो कैसे जानें और क्या कर सकते हैं उपाय …
रक्तचाप रक्तवाहिनियों में बहते रक्त द्वारा वाहिनियों की दीवारों पर द्वारा डाले गये दबाव को कहते हैं। एक स्वस्थ वयस्क व्यक्ति का सिस्टोलिक रक्तचाप पारा के 90 और 120 मिलिमीटर के बीच होता है।
किसी व्यक्ति का रक्तचाप, सिस्टोलिक/डायास्टोलिक रक्तचाप के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है। जैसे कि 120/80 सिस्टोलिक अर्थात ऊपर की संख्या धमनियों में दाब को दर्शाती है। इसमें हृदय की मांसपेशियां संकुचित होकर धमनियों में रक्त को पंप करती हैं। डायालोस्टिक रक्त चाप अर्थात नीचे वाली संख्या धमनियों में उस दाब को दर्शाती है जब संकुचन के बाद हृदय की मांसपेशियां शिथिल हो जाती है।
निम्न रक्तचाप के कारण
भावनात्मक आघात, दिल का दौरा, आग से गम्भीर रूप से जल जाना आदि। निम्न रक्तचाप के प्रमुख कारण हैं।
निम्न रक्तचाप के लक्षण
थकान, चक्कर आना तथा बेहोशी इसके प्रमुख लक्षण है।
निम्न रक्तचाप का उपचार
- निम्न रक्तचाप में बादाम का प्रयोग रोगी के लिए गुणकारी है। बादाम की पांच-सात गिरियां रात्रि के समय पानी में भिगो दें। प्रातःकाल उन्हें बारीक पीसकर गरम दूध से सेवन करें।
- निम्न रक्तचाप वाले व्यक्तियों को अधिक परिश्रम वाला कार्य नहीं करना चाहिए। उन्हें चुपचाप लेटकर आराम करना चाहिए। हरे आंवले का रस और शहद बराबर-बराबर दो-दो चम्मच मिलाकर चाटने से हृदय की कमजोरी दूर हो जाती है।
- निम्न रक्तचाप दूर करने के लिए किशमिश के कुछ दाने रात्रि के समय पानी में भिगो दें। प्रातःकाल एक-एक करके किशमिश खूब चबाकर खाएं और दूध पिएं । 15-20 दिन ऐसा करने से रक्चचाप सामान्य स्थिति में आ जाता है।
- प्रातः सायं खाली पेट जल के साथ एक चम्मच के लगभग सेवन करने से कोलेस्ट्रोल को कम करने में सहायता मिलती है। कोलेस्ट्रोल कम होने से रक्तवाहिनी धमनियां तनावयुक्त रहती हैं।
- प्याज का रस और शुद्ध शहद बराबर मात्रा में मिलाकर नित्य दो चम्मच दस ग्राम की मात्रा में दिन में एक बार लेना निम्न रक्तचाप का प्रभावकारी इलाज है।