मूत्रमार्ग में कुछ विशेष प्रकार के रोगों जैसे सुजाक, प्रोस्टेट ग्रन्थि के बढ़ जाने | से मूत्राश्य में पथरी होने से या थोड़ा-सा गाढ़ा मूत्र आने पर इस प्रकार की | समस्या हो जाती है। | इसमें मूत्र त्यागते समय मूत्र – त्याग में जलन का अनुभव होता है।

जिन कारणों से मूत्र मार्ग में जलन होती है, उस मुख्य कारण का उपचार करना | चाहिए। साधारण बीमारी में कुछ गिलास ठण्डा पानी या क्षार युक्त पेय पदार्थ लेने से यह रोग दूर हो जाता है।

आयुर्वेद में इस रोग के लिए कुछ खास औषधियों का प्रयोग किया जाता है। जैसे गोक्षुर (गोचरण), चन्दन, उशीर (खस) शिलाजीत । इन द्रव्यों से तैयार किये गये अनेक औषधि योग बाजार मिलते हैं। इनका सेवन ही प्रायः रोगियों को कराया जाता है। 1

पेशाब में जलन पर उपचार

प्रबल औषधि द्रव्य जलन को ठीक करने के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। उसे गुलाब के जल के साथ घोटकर चूर्ण बनाया जाता है।

रोगी को सेब, अंगूर, आडू और आलूबुखारा आदि फल अधिक पफिट मात्रा में खाने चाहिए। गाजर और उसके पत्तों का रस एक औंस (6 चम्मच) की मात्रा में दिन में दो बार देना चाहिए।

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