डायरिया रोग में सबसे पहले बार-बार दस्त होने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। अगर इस पर ध्यान न दिया जाए तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं। इसलिए रोगी को उबालकर ठंडा पानी और ग्लूकोज मिलाकर देना चाहिए।

दस्त का उपचार

भुना हुआ जीरा पीसकर दही में मिलाकर खाएं। भुनी हुई सौंफ चबाकर उसका रस चूसें। रस चूसकर थूक दें।

चावल और मूंग की दाल से बनी खिचड़ी इस रोग के लिए बहुत उपयोगी है। खट्टे और कसैले पदार्थ भी इस रोग में लाभकारी होते हैं।

भुना हुआ जीरा पीसकर पतली छाछ में मिला लें। छलनी से छान लें और चुटकी भर नमक मिला लें। इस पेय को धीरे-धीरे पिएं।

एक गिलास पानी में एक चम्मच जीरा उबालें और इसमें एक चम्मच हरे धनिये का रस और थोड़ा नमक मिला लें। भोजन के बाद इसका सेवन करने से दस्त बंद हो जाते हैं।

ताजे छाछ में एक या दो चम्मच धनिये का रस मिलाकर सेवन करें। दस्त के अलावा यह अपच और लीवर की सूजन में भी लाभकारी है।

जायफल
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