कै उल्टी : कारण व उपचार

आमाशय के अन्दर के पदार्थों को बलपूर्वक शरीर के बाहर निकालने की क्रिया को उल्टी या वमन (Vomiting) कहते हैं।

इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कि गैस्ट्रीक, जहर या मस्तिष्क का ट्यूमर इत्यादि. अत्यधिक उल्टी से शरीर में जल की कमी जाती है; कभी कभी रोगी को शिराओं के माध्यम से जलीय घोल देना पड़ता है।

कै उल्टी का उपचार

  • दही और अनारदाना मिलाकर देने से वातज के नष्ट होती है। इंद्रयव, भुनी हींग, अतीस, बच, काला नमक और हरड़ को बराबर मात्रा के लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर दो माशे चूर्ण उष्ण जल से लेने पर वमन नष्ट होती है। उदर व हृदयशूल भी शांत होते हैं।
  • छर्दिसंहार रस 250 मिग्रा. और प्रवालपिष्टी 250 मिग्रा. मिलाकर शहद के साथ दो-दो घंटे के अंतराल से सेवन करने पर वमन नष्ट होती है।
  • पिप्ललादि लौह की एक गोली सुबह और एक गोली शाम मधु मिलें पित्त पापड़े के क्वाथ से देने पर वमन नष्ट होती है। पीपल का रस मधु के साथ चाटने से वातज कै नष्ट होती है।
  • कर्पूरासव 8-10 बूंद जल में मिलाकर धीरे-धीरे पीने से वमन विकृति नष्ट होती है। दिन में कई बार इसका सेवन किया जा सकता है।
  • ताम्र भस्म 50 मिग्रा. मधु के साथ मिलकर चाटकर खिलाने से वातज व सभी प्रकार की वमन नष्ट होती है।
  • अमृतधारा की 5-7 बूंदें जल में डालकर पिलाने से वमन नष्ट होती है।

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