बिंदी महिलाओं की खूबसूरती का राज है, इसके बिना आपकी खूबसूरती फीकी लगती है और यह आपके श्रृंगार को और भी निखार देती है। बिंदी ने कब खूबसूरती में अपनी जगह बनाई और कब इसका महत्व बढ़ गया, पता ही नहीं चलता।
निश्चित रूप से बिंदिया का यह सफर धीरे-धीरे तय हुआ होगा। इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि एक समय में सिर्फ शादीशुदा महिलाएं ही बिंदी लगाती थीं। आज हर कोई लगाने लगा है। अविवाहित लड़कियां भी बिंदिया लगाने लगी हैं। कुछ जगहों पर तो बिंदी को आभूषण माना जाने लगा है।
बिंदी पहनने के फायदे
बिंदी पहनने के कई फायदे हो सकते हैं, जो आपके सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक पहलुओं को बेहतर बना सकते हैं। यहाँ कुछ मुख्य लाभ दिए गए हैं:
सांस्कृतिक महत्व:
भारतीय संस्कृति में बिंदी को महत्वपूर्ण माना जाता है। यह धार्मिक और सांस्कृतिक अभिवादन का प्रतीक है।
दृष्टि की सुरक्षा:
बिंदी का उपयोग धार्मिक रूप से आँखों की सुरक्षा के लिए किया जाता है, खासकर उत्तर भारत में। यह आँखों को धूप, धूल और अन्य परेशानियों से बचाने में मदद कर सकती है।
समृद्धि का प्रतीक:
बिंदी को कई क्षेत्रों में समृद्धि और कल्याण का प्रतीक माना जाता है। यह धन, संपत्ति और समृद्धि की प्राप्ति का प्रतिनिधित्व करती है।
सौंदर्य:
बिंदी भारतीय महिलाओं के चेहरे को सुंदरता और आकर्षण से सजाने का एक माध्यम है। यह चेहरे को सजावट और रंगत को निखारती है।
सामाजिक संदेश:
बिंदी का उपयोग समाज में संवेदनशीलता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। यह महिलाओं की शक्ति और स्वाभिमान का प्रतीक है।
राष्ट्रीय एकता:
बिंदी भारतीय समाज की विविधता को संजोने का प्रतीक हो सकती है, क्योंकि यह विभिन्न क्षेत्रों, समुदायों और संप्रदायों के बीच एकता का प्रतीक हो सकती है।
ये कुछ मुख्य लाभ हैं जो बिंदी के उपयोग से प्राप्त किए जा सकते हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि ये लाभ किसी विशिष्ट समुदाय या स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकते हैं।
रंगीन बिंदी
इसलिए, ये विद्याएँ सिर्फ़ काली बिंदी से लेकर विंदुमान तक कई रंगों और डिज़ाइनों में भी उपलब्ध हैं। आपका चेहरा गोल है या लंबा, आपका माथा ऊंचा है या सामान्य, आपका रंग गहरा है या गहरा, बिंदी का रंग-रूप इन सब पर भी निर्भर करता है। बिंदी चुनते समय इन बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।
कपड़ों से बिंदी का संबंध
आप अपने पहने हुए कपड़ों के रंग से मेल खाती हुई बिंदी भी ले सकती हैं। चाहे आपको आमतौर पर घर पर रहना हो या ऑफिस जाना हो, शॉपिंग के लिए बाहर जाना हो या किसी बर्थ पार्टी या शादी में शामिल होना हो, बिंदी का आकार, साइज़ और डिज़ाइन बदला जा सकता है। चलिए शुरू करते हैं। छोटे माथे पर छोटी बिंदी, बड़े माथे पर बड़ी बिंदी, गोल चेहरे पर लंबी बिंदी और लंबे चेहरे पर गोल बिंदी लगाने से खूबसूरती बढ़ती है और निखरती है।
माथे पर बिंदी
आपके माथे पर सूखी बिंदी बरकरार रहे। इसके लिए सबसे पहले लिपस्टिक या वैक्स का गाढ़ा घोल लगाएं। कपड़ों के रंग से मिलती-जुलती बिंदी मिलना आम बात है। या फिर ब्रश की मदद से आप मोटे डॉट वाले रंगों में से चुन सकती हैं। गोल्ड टकीला और बिंदी भी शादी में ब्राइट कलरफुल हिजिंक के साथ शान बढ़ाती हैं। शाम के समय या सेशन के दौरान गहरे रंग की बिंदी अच्छी लगती है!
सांवले रंग पर बिंदी
सांवले रंग पर हल्के रंग की बिंदी अच्छी लगेगी। अगर आपकी ड्रेस में मजेदार डिजाइन या रंग हैं तो हल्के रंग की बिंदी बहुत अच्छी लगेगी। बिंदी खरीदते समय भी पूरी सावधानी बरतें। कुछ बिंदी सस्ती भी मिलती हैं लेकिन उनकी चिपकने वाली परत खराब होती है। बिंदी टिकती तो है लेकिन रैशेज, बीमारी और त्वचा संबंधी बीमारियों का कारण बनती है। इसलिए अगर माथे पर यह बिंदी खुजली करने लगे तो इसे हटा दें। पूरा पैकेट फेंक दें। नहीं तो यह सबसे सस्ती बिंदी आपका सिर खराब कर देगी।
हाथ से बनी चूड़ियां
इसी तरह चूड़ियां, कंगन, चूड़ियां और कंगन भी कांच और प्लास्टिक से लेकर धातु की सामग्री तक के रंग-बिरंगे डिजाइन में आते हैं। चूड़ियों का इस्तेमाल प्राचीन काल से होता आ रहा है। लेकिन आज इसमें नए-नए डिजाइन की भरमार है। महिलाओं को चूड़ियां बहुत पसंद होती हैं। सौंदर्य प्रसाधनों में इसका पहला स्थान है।
चूड़ियां पहनने के लिए उम्र जरूरी नहीं
इसकी खूबसूरती ही ऐसी है कि महिलाएं इसे बड़े चाव से पहनती हैं। छोटी बच्ची से लेकर बूढ़ी महिला तक। बिंदी और चूड़ियां आभूषण हैं, सुंदरता का प्रतीक हैं और चेहरे और हाथों की खूबसूरती बढ़ाती हैं। ये अच्छे शगुन के संकेत हैं। इसलिए सभी महिलाएं इसका इस्तेमाल बड़े चाव से करती हैं। लड़कियां मैचिंग बिंदी और चूड़ियां पहनकर इतराना बंद नहीं करतीं। उनके मुंह से यही निकलता है- बिंदी चमकेगी…चूड़ियां खनकेगी…