मैदा गेहूं जैसे दिखने वाले आटे से बनता है। इसके बावजूद आटे को सेहत के लिए बहुत अच्छा और मैदा को सेहत के लिए बहुत बुरा कहा जाता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि दोनों को बनाने का तरीका बहुत अलग होता है।
जब आटा तैयार किया जाता है तो गेहूं की ऊपरी परत को हटाया नहीं जाता। इसके साथ ही आटे को थोड़ा मोटा भी पीसा जाता है। ऐसा करने से आटे में फाइबर की मात्रा बरकरार रहती है और इस वजह से आटे में फोलिक एसिड, विटामिन ई, विटामिन बी-6 और बी-कॉम्प्लेक्स जैसे विटामिन और मैग्नीशियम, मैंगनीज और जिंक जैसे कई मिनरल्स बने रहते हैं। जो हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
जबकि आटे के साथ ऐसा नहीं होता। आटा बनाते समय गेहूं की ऊपरी परत को पूरी तरह से हटा दिया जाता है। इसके साथ ही इस सुनहरी परत के अंदर मौजूद गेहूं के हिस्से को इतना बारीक पीसा जाता है कि इसके सारे पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं और यह सेहत के लिए किसी भूसे से कम नहीं रह जाता।
मैदा के कुछ प्रमुख नुकसान
मैदा, जिसे रिफाइंड आटा भी कहा जाता है, कई प्रकार के खाद्य पदार्थों में उपयोग होता है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यहाँ मैदा के कुछ प्रमुख नुकसान दिए गए हैं:
1. पोषण की कमी:
- मैदा को गेंहू से तैयार किया जाता है, लेकिन इस प्रक्रिया में फाइबर, विटामिन, और खनिजों को हटा दिया जाता है। इसके परिणामस्वरूप, मैदा में बहुत कम पोषण होता है और यह केवल कैलोरी प्रदान करता है, जो शरीर के लिए लाभकारी नहीं होता।
2. पाचन समस्याएँ:
- मैदा फाइबर से रहित होता है, जिसके कारण इसका सेवन पाचन तंत्र के लिए हानिकारक हो सकता है। यह कब्ज, अपच, और एसिडिटी जैसी समस्याओं को बढ़ावा दे सकता है।
3. वजन बढ़ना:
- मैदा उच्च कैलोरी वाला होता है और इसमें कोई फाइबर नहीं होता, जिससे इसे खाने के बाद जल्द ही भूख लग सकती है। यह वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है, खासकर अगर मैदा से बने जंक फूड का अधिक सेवन किया जाए।
4. रक्त शर्करा का स्तर:
- मैदा में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) अधिक होता है, जिसका मतलब है कि यह रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ा सकता है। यह मधुमेह (डायबिटीज) के जोखिम को बढ़ा सकता है और पहले से मौजूद मधुमेह के लिए हानिकारक हो सकता है।
5. हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव:
- मैदा से बने उत्पादों में अक्सर ट्रांस फैट और संतृप्त वसा पाया जाता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है और हृदय रोगों का जोखिम बढ़ा सकता है।
6. पोषक तत्वों की कमी:
- मैदा के अत्यधिक सेवन से आवश्यक पोषक तत्वों जैसे कि फाइबर, विटामिन बी, और अन्य खनिजों की कमी हो सकती है, जो शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।
7. आंत के स्वास्थ्य पर असर:
- मैदा के अधिक सेवन से आंत की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है, जिससे आंत की समस्या और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
8. संक्रमण और रोग प्रतिरोधक क्षमता:
- लगातार मैदा का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकता है, जिससे विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
अत्यधिक मात्रा में मैदा का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए साबुत अनाज और अधिक पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।