दही के फायदे:- दही भले ही दूध को फाड़कर बनाया जाता है, लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि दही का इस्तेमाल दूध से कहीं ज़्यादा फायदेमंद है। अगर किसी को दूध पसंद नहीं है या किसी कारण से उसे दूध नहीं दिया जाता है, तो उसे दही खिलाना बहुत उचित रहेगा। दही में दूध के सभी गुण तो होते ही हैं, साथ ही अन्य गुण भी होते हैं। अब विदेशों में भी दही को खूब पसंद किया जा रहा है। दही की तासीर तीखी और गर्म होती है।
दही के फायदे
दही का नियमित सेवन: दही का नियमित सेवन करने वाले व्यक्ति को हृदय रोग नहीं होता।
स्वस्थ रखने में बड़ा योगदान: दही में बैक्टीरिया मौजूद होने के कारण दही का सेवन शरीर के लिए और भी फायदेमंद हो जाता है। यह आपको स्वस्थ रखने में बहुत योगदान देता है।
कफ बढ़ाता है: दही में कफ बढ़ाने का गुण होता है। इसलिए खांसी होने पर इसका सेवन न करें।
छाछ या मट्ठा: दही से मक्खन निकालने से इसकी चिकनाई कम हो जाती है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छी मानी जाती है। इसलिए छाछ या मट्ठा अधिक फायदेमंद माना जाता है।
सर्दी-जुकाम होने पर दही नहीं खाना चाहिए, नहीं तो रोजाना एक कटोरी दही खाना बेहतर है।
रोगों से मुक्ति: यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और रोगों से मुक्ति पाने के लिए सही आहार है।
गाय का दही: गाय का दही सभी गुणों से भरपूर माना जाता है। यह दिलचस्प है।
रोजाना दही का सेवन करने से शरीर ऊर्जावान रहता है। बुढ़ापा देर से आता है।
कैंसर से बचाव:
दही कैंसर से बचाव करने में सक्षम है। दही का सेवन करने वाले व्यक्ति को कैंसर होने की संभावना कम होती है।
- पेट के रोगों के लिए प्रतिदिन दही का सेवन करें।
- दही निम्न रोगों में लाभदायक माना जाता है – जुकाम, भूख न लगना,
- पेशाब, कमजोरी, जुकाम, बुखार, दस्त
- गर्म प्रकृति वाले लोगों के लिए दही सबसे अच्छा है।
- खट्टा दही न खाएं। यह हानिकारक है। यह अग्निवर्धक है, लेकिन कफ बढ़ाता है। पित्त बढ़ाता है। यह रक्त विकारों को बढ़ाता है।
- भैंस के दूध से बना दही मुलायम होता है। इसके सेवन से कफ बढ़ता है।
- भैंस का दूध वात बढ़ाता है। पित्त का नाश करता है।
- बकरी के दूध से बना दही त्रिदोषनाशक होता है। यह अग्नि को तीव्र करता है।
- रात में दही नहीं खाना चाहिए। अगर रात में दही खाना ही है, तो उसमें चीनी या शहद मिलाकर खाएं।