हैजा एक संक्रामक गैस्ट्रोएंटेराइटिस है जो विब्रियो कोलेरा नामक जीवाणु के एंटरोटॉक्सिन-उत्पादक उपभेदों के कारण होता है। मनुष्यों में संक्रमण जीवाणु द्वारा दूषित भोजन या पानी के सेवन के माध्यम से होता है। पानी या भोजन का यह संदूषण आमतौर पर हैजा के मौजूदा रोगी द्वारा होता है।
हैजा का उपचार
100 मिली तेल में एक जायफल का चूर्ण मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं। अच्छी तरह पकने पर उतार लें। हैजा के रोगियों के हाथ-पैरों पर मलने से दर्द में आराम मिलता है।
अजवायन के पत्तों को अच्छी तरह पीसकर उसका रस निकाल लें, हैजा में एक घंटे के अंतराल पर यह रस पिलाएं। पहली बार चार बड़े चम्मच दें और बाद में दो चम्मच रस देते रहें जब तक मल गाढ़ा न हो जाए। इससे कुछ ही समय में हैजा नियंत्रित हो जाता है।
चीनी या बताशे में लौंग का तेल दो-तीन बूंद मिलाकर देने से हैजा में लाभ होता है।
हैजा होने पर रोगी को बार-बार प्याज का रस पिलाने से आराम मिलता है। हैजा शुरू होने पर आधे घंटे के अंतराल पर एक प्याज का रस पिलाने से हैजा ठीक हो जाता है।
10 ग्राम जायफल के चूर्ण को गुड़ में मिलाकर तीन-तीन मिलीग्राम की गोलियां बना लें। हर आधे घंटे पर एक गोली देकर फिर थोड़ा गर्म पानी पिलाने से हैजा का दस्त बंद हो जाता है।
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