गैस दूर करने का उपचार
अधिक मिर्च मसाले, अधिक भोजन करने से कब्ज बढ़कर गैस की तकलीफ बन जाती है। | पेट फूलना, गैस का आंतों में इधर-उधर ठहर जाना, वायु खारिज न होना, बेचैनी और तेज दर्द गैस बनने के लक्षण हैं।
- काली हरड़, छोटी हरड़, बाल हरड़ जौ हरड़, जंग हरड़-इसमें किसी को भी लेकर धोकर पोंछकर दोनों समय खाने के पश्चात् एक हरड़ को मुंह में रखकर चूसें। एक घन्टे तक चूसने की क्रिया करें। यह गैस और कब्ज के लिए श्रेष्ठ औषधि है। इससे शौच खुलकर आता है। भूख कम लगने लगती है। पाचन शक्ति बढ़ती है। जिगर के रोग व अंतड़ियों की वायु नष्ट होती है। चर्म रोग नहीं होते, दांत मजबूत होते हैं। निरन्तर कुछ माह के सेवनसे चश्में का नम्बर कम हो जाता है। सिगरेट बीड़ी पीने का अभ्यास टूट जाता हैं
- हरी हल्दी को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट है। इस पर नींबू, नमक और काली मिर्च छिड़क कर भोजन के साथ लें। इससे गैस नहीं बनेगी।
- 25 ग्राम मेथी और 25 ग्राम सोआ लेकर तवे पर भूनिए, फिर उन्हें अधकटा कर लें। यह चूर्ण 5-5 ग्राम सेवन करने से गैस से मुक्ति मिलती है।
- एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच एरण्डी का तेल डालकर पिएं। शीघ्र लाभ होगा।
- लहसुन और अदरक के रस मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पी लीजिए। पेट की गैस चंद मिन्टों मे भाग जाएगी।
- पेट में वायु का प्रकोप होने पर शुद्ध हींग पीसकर उसे रूई के फाहे पर रखकर नाभि पर रखें। इसमें गैस निकल जाएगी व दर्द ठीक हो जाएगा।
- सौंफ को चबाकर खाने से और उसका रस चूसने से अफारा शांत होता है। 4-5 ग्राम सौंफ का चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से भी गैस दूर होती है।
- पानी में खाने का सोडा, नीबू और नमक पिएं, पेट की गैस परेशान नहीं करेगी। पिसी हुई हल्दी और नमक गुनगुने पानी से लें। तुरन्त लाभ होगा।
- हींग, सूंघनी या काला नमक डालकर गर्म किया हुआ तिल का तेल पीने से पेट की गैस से छुटकारा मिलता है।
- कब्ज तथा मंदाग्नि होने पर पेट की गैस बेचैनी और भी बढ़ा देती है। इसका सहज समाधान है। इमली का गूदा पानी में उबालकर थोड़ी-सी चीनी के साथ मिलाकर सेवन करें।
- मधुमेह के रोगी चीनी के बदले थोड़ा गुड़ या देशी बूरा मिला लें। एक गिलास गन्ने का रस गर्म करके उसमें नींबू का रस और थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर सेवन करें। दिन में कम से कमदो बार पियें। कभी गैस शीघ्र शान्त होगी। एक चम्मच अजवाइन में चौथाई चम्मच नींबू का रस और थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर सेवन करें। दिन में कम से कम दो बार पियें कभी गैस नहीं होगी।
- एक चम्मच सौंफ भूनकर पीस लीजिए, इसी मात्रा में मिश्री का भी चूर्ण बना लें। दोनों को मिलाकर इसबगोल की भूसी में मिला लें, यह चूर्ण सुबह, शाम और रात को खाना खाने के बाद दो चम्मच ले तो कभी पेट में गर्मी उत्पन्न नहीं होगी और खाना भी शीघ्र हजम हो जाएगा।
- पान के रस में शहद मिलाकर चाटने से गैस रोग से मुक्ति मिलती है।