चिरौंजी खाने के फायदे और नुकसान

चिरौंजी खाने के फायदे और नुकसान

चिरौंजी के फल स्वाद में मधुर-मीठे लगते हैं। चिरौंजी का उपयोग मुख्यतः मिठाई बनाने में होता है। यह पकवानों तथा शीतकालीन पाकों में डाली जाती है। इसके दानों में से तेल निकलता है। यह तेल बादाम के तेल की तरह ठंडा होता है। यह अत्यंत कीमती होता है ।

चिरौंजी पित्त, कफ तथा रक्त के विकार को मिटाती है। इसका फल मधुर, भारी, स्निग्ध और मल को सरकानेवाला है एवं वायु, पित्त, दाह, ज्वर और तृषा को मिटाता है। इसका गर्भ मधुर, वीर्यवर्धक, पित्त तथा वायु को मिटानेवाला, हृदय को प्रिय लगनेवाला और दुर्जर (बड़ी मुश्किल से पचनेवाला) है। यह स्निग्ध तथा मल को रोकनेवाला होने से आमवर्धक है।


चिरौंजी के मूल कसैले होते हैं और रक्तविकार, कफ तथा पित्त को नष्ट करनेवाले हैं।

चिरौंजी का तेल मधुर, जड़, किंचित् उष्ण, कफकारक और पित्त तथा वायु को नाश करनेवाला है।

चिरौंजी के पेड़ की छाल को दूध में पीसकर, शहद में मिलाकर पीने से रक्तातिसार (पेचिश) मिटता है। चिरौंजी दूध में पीसकर शरीर पर लगाने से शीतपित्त मिटता है।